हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक और 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद पहली मॉनीटरी पॉलिसी घोषित करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने रेपो रेट में किसी कटौती से मना कर दिया है.
बाज़ार हुआ है मायूस :
- हाल ही में RBI ने अपनी पहली मॉनेटरी पॉलिसी घोषित की है.
- इस पॉलिसी के तहत रेपो रेट को 6.25% पर बरकरार रखा गया है.
- बाजार को उम्मीद थी कि नोटबंदी के दबाव से बाहर निकालने के लिए रिजर्व बैंक कुछ रियायत देगा.
- जिसके तहत वह कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.
- परंतु बाजार को मायूस करते हुए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है.
- आपको बता दें की इससे पहले RBI ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइट की कटौती की थी.
- नोटबंदी के बाद देश में बैंकों के सामने अतिरिक्त कैश की समस्या को देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह निर्णय लिया है.
- जिसके तहत ब्याज दरों के जरिए किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया गया है.
- लिहाजा, अब आपकी ईएमआई जस की तस बनी रहेगी.
- रेपो रेट बरकरार रखने के फैसले से अब बैंकों के लिए ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता नहीं खुला.
- माना जा रहा था कि नोटबंदी के बाद बढ़े हुए कैश से देश के बैंक आपना कारोबार बढ़ाने की कवायद करेंगे.
- परंतु आज के फैसले के बाद अब वह पुरानी दरों पर ही कर्ज देने के लिए मजबूर हैं.