बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान ‘सत्ता सेवा के लिए है, भोग और मेवा के लिए नहीं’ पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि भोग का मतलब नीतीश से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।

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महागठबंधन टूटते ही आमने-सामने नीतीश-लालू-

  • दो दिन पहले तक दोनों नेता बिहार की राजनीति में ‘बड़े भाई’ और ‘छोटे भाई’ का रिश्ता निभा रहे थे.
  • लेकिन नीतीश के पाला बदलने से जद(यू), कांग्रेस और राजद का महागठबंधन टूटते ही एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं।
  • लालू प्रसाद ने नीतीश पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया
  • ट्वीट में उन्होंने लिखा, “हां-हां..भोग का मतलब नीतीश से ज्यादा कौन समझता है, जिसने विगत 12 साल में छह बार बिहार की सभी पार्टियों के साथ गठबंधन कर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।”

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सत्ता सेवा के लिए, मेवा के लिए नहीं-

  • नीतीश ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी के आरोपों का जवाब दिया।
  • इस दौरान उन्होंने कहा था कि सत्ता लोगों की सेवा के लिए होती है न कि मेवा के लिए।
  • नीतीश ने तेजस्वी की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि जनता का वोट काम करने के लिए मिला है।
  • आगे उन्होंने कहा था कि हमारी प्रतिबद्धता है जनता की सेवा और बिहार के विकास के प्रति है।
  • किसी एक परिवार की सेवा करने के लिए नहीं है।

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सोमवार को होगी राजद की याचिका पर सुनवाई-

  • नीतीश के इस्तीफे के बाद प्रभारी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का न्योता न देकर जदयू-भाजपा को मौका दिया।
  • इसके खिलाफ लालू ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
  • जिस पर सुनवाई सोमवार को होगी।
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