राष्टीय लोक दल के एक विधायक पर सुप्रीम कोर्ट ने दस लाख का जुर्माना लगाया है.विधायक जहानाबाद इलाके का है.चीफ जस्टिस को ऑफ़ इंडिया खेहर की अध्यक्षता में ये फैसला लिया गया है.सुप्रीम कोर्ट ने विधायक के रवैये पर आपत्ति जताई है.
अधिकारों का दुरुपयोग करने का अधिकार किसी को नहीं
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि
- नेता जनता के प्रतिनिधि हैं उनके द्वारा ऐसा किया जाना शोभनीय नहीं है.
- किसी को भी कोर्ट द्वारा बनाये गए नियमों को तोड़ने का अधिकार नाहीं है.
- अरवल इलाके के विधायक रविंद्र सिंह ने एक पत्रिका में छपे लेख की जांच करने की मांग की थी.
- लेख को जातिवर्ग के खिलाफ मानकर गलत ठहराया गया था.
कोर्ट ने याचिका पर जताई नराजगी
- जस्टिस खेहर द्वारा कहा गया है की लेख सालों पुराना है.
- इस पर अब आपत्ति जताना क्या सही है.
- वहीँ याचिकाकर्ता के वकील ने बोला साल 2013 में उन्होंने ये लेख पढ़ा
- जिसके बाद याचिका दाखिल की गई है.
- कोर्ट ने कहा याचिका बेवजह दाखिल की गयी है.
- इसलिए याचिकाकर्ता पर दस लाख का जुरमाना लगाया जा रहा है.
- दंडस्वरुप जुरमाना देने की बात सुनकर वकील ने कहा.
- इसपर हमें माफ़ी नाहीं दी जा सकती क्या.
- जिसपर जस्टिस खेहर ने साफ़ मना कर दिया.