भारत ने एनएसजी ग्रुप सदस्यता में एक ओर पड़ाव हासिल कर लिया है, स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका और मैक्सिको के समर्थन के बाद रूस ने भी भारत की सदस्यता का समर्थन किया है।
चीन से पूछेगा रूस भारत का विरोध क्यों?:
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि, वो न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन करेंगे।
- एनएसजी पर भारत को रूस का समर्थन बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
- अब सिर्फ चीन ही ऐसा देश है जो सदस्यता पर भारत का विरोध कर रहा है।
- पुतिन ने एक इंटरव्यू में कहा कि, अगली एनएसजी मीटिंग में वो भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाएंगे।
- इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि, वो चीन से भी पूछेंगे की एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करने का क्या कारण है।
- इसके साथ ही पुतिन ने कहा कि, भारत के अलावा भी जो देश सदस्यता पाना चाहते हैं उनके बारे में भी विचार किया जायेगा।
- गौरतलब है कि, एनएसजी देशों की मीटिंग 20-24 जून तक सियोल में आयोजित होगी।
मोदी की विदेश नीति से कोई समस्या नहीं:
- रूस के राष्ट्रपति ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि, न्यूक्लियर सेफ्टी में भारत एक एक्टिव रोल प्ले कर रहा है।
- इतना ही नहीं भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती पर पुतिन ने कहा कि, उन्हें मोदी की विदेश नीतियों से कोई समस्या नहीं है।
- भारत और रूस बहुत अच्छे और पुराने दोस्त हैं और इससे हमारे रिश्ते पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।