देशभर में इन दिनों मॉब लिंचिंग की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। अफवाह के शक में आकर आम जानता किसी को पीटने लगती है। सड़क से लेकर संसद तक इस इस मुद्दे पर बहस हो रही है। इस मामले से चिंतित केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में इस कमिटी का गठन किया है। कमिटी को चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। अब इस मुद्दे पर राज्य सभा में बोलते हुए सपा के कदावर नेता आजम खां की पत्नी और राज्य सभा सांसद तजीन फातिमा ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
सपा सांसद ने वापस की गाय :
समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान की पत्नी और राज्य सभा सांसद तजीन फातिमा ने मॉब लिंचिंग के डर से अपनी काली गाय लौटा दी है। उन्हें यह गाय गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य अधोक्षानंद महाराज ने उपहार में दी थी। संसद में मीडिया से बात करते हुए सपा सांसद फातिमा ने कहा कि देश में इस समय भय का माहौल बना हुआ है। उन्हें भी इस बात का डर था कि कहीं गाय की वजह से लोग गलत समझकर हमला न कर दें। एहतियातन बरतते हुए उन्होंने शंकराचार्य को वह गाय भारी मन से लौटा दिया। इसके पहले अलवर मॉब लिंचिंग के बाद आजम खान ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की थी कि लोगों को अगर अपनी जान प्यारी है तो वे गाय से दूर रहें।
गाय लौटाना नहीं है नाटक :
सपा सांसद तजीन फातिमा ने कहा कि गाय लौटाना कोई राजनीतिक नाटक नहीं है बल्कि देश में उपजे मौजूदा माहौल की प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि हमें भी इस बात का डर था कि हमारा कहीं परिवार किसी मुसीबत में न फंस जाए। राजस्थान के अलवर जिले में गो-तस्करी के शक में भीड़ ने रकबर की जबर्दस्त तरीके से पिटाई कर दी थी जिसकी बाद उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में सामने आया है आई है कि अगर रकबर को सही समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो वो शायद बच सकता था। राजस्थान पुलिस ने घटना स्थल से मात्र 6 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल तक रकबर को पहुंचाने में तीन घंटे लगा दिए। रास्ते में पुलिस वालों ने बैठकर चाय भी पी। इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने हिरासत में भी रकबर से मारपीट भी की।