पिछले कई दिनों से तमिलनाडु में जारी राजनीतिक सियासत में उठा पठक का दौर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शांत होता नजर आ रहा है.आय से अधिक मामले में आज फैसले का दिन था.जिसमें शशिकला (शशिकला राजनीति से बाहर) को दोषी करार कर चार साल की सज़ा सुनाई गयी है शशिकला के अलावा उनके दो रिश्तेदार वीएन सुधारन, इलावर्सी को भी कोर्ट ने दोषी माना है.
शशिकला का सीएम बनने का सपना चूर (शशिकला राजनीति से बाहर):
- एक तरफ शशिकला (शशिकला राजनीति से बाहर) सरकार बनाने की तैयारी में थीं.
- असेंबली की मेंबर न होने के कारण शशिकला को छह महीने के भीतर विधायक बनना था.
- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब वो छह साल तक चुनाव में कदम नहीं रख पाएंगीं.
- जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की राजनीति ने बड़ा नाटकीय रूप धारण कर रखा था.
- तमिलनाडु के गवर्नर सी विद्यासागर राव से मुलाकातों का दौर जारी था.
21 साल पुराने मामले में आया फैसला:
- बेहिसाब प्रॉपर्टी केस में सुप्रीम कोर्ट ने सालों बाद फैसला दिया है.
- साल 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस केस में शशिकला को बरी कर दी गयी थीं.
- इस केस की सुनवाई जस्टिस पीसी घोष और अमिताभ रॉय ने की अध्यक्षता में हुई है.
- जया, शशिकला और उनके दो रिश्तेदार वीएन सुधारन, इलावर्सी समेत 4 लोग.
- मामले में आरोपी ठहराए गए थे.बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट में
- केस की सुनवाई की गई है.27 सितम्बर 2014 को इस केस में इनसबको सज़ा सुनाई गयी थी.
- सभी को चार साल की सजा और सौ करोड़ का जुर्माना ठोंका गया था.
- सज़ा के तौर पर शशिकला और जयललिता 21 दिन जेल में बंद रहीं.
- बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी.
- जय ललिता द्वारा फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था.
- जिसके बाद 11 मई 2015 को सबको जमानत मिल गयी थी.
- मामला ये था कि बतौर मुख्यमंत्री पद पर रहने के बाद जयललिता पर आय से ज्यादा
- सम्पत्ति जो लगभग 66 करोड़ की प्रॉपर्टी बताई जा रही है.
- अपार सम्पत्ति की मालकिन होने पर जयललिता को सबके साथ मिलकर 32 फर्जी कम्पनियां
- बनाने का आरोप लगा था.फिलहाल शशिकला को सज़ा मिलते ही पूरी स्थिति साफ़ हो गयी है.
ये भी पढ़ें, शुरू हुई लोकतंत्र को आज़ाद करानें के लिये नई पीढ़ी को तैयार करनें की कवायत