देश में नोटबंदी के बाद से ही सरकार व बैंक लगातार प्रयास कर रहे हैं कि देश को नकदी-रहित राह पर लाया जा सके, जिसके लिए सरकार जहाँ एक ओर कई तरह की नयी योजनाओं को लाकर जनता से इसमें जुड़ने की अपील कर रही है. वहीँ अब कुछ बैंकों द्वारा नियमों में बदलाव कर इस दिशा में कदम उठाया है जो बहुत अहम माना जा रहा है. बता दें कि अन्य बैंकों की तरह ही भारतीय स्टेट बैंक ने भी अब नकदी लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए अपने नियमों में बदलाव किये हैं.
न्यूनतम बैलेंस के साथ ही नकद ट्रांजेंक्शन्स से जुड़े नियम और बदलाव :
- भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बीते समय में नियमों में कुछ बदलाव किये गए हैं.
- बता दें कि यह बदलाव नकदी रहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे हैं.
- गौरतलब है कि बीते समय में SBI द्वारा हर खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम निकाला गया था.
- जिसमे महानगरों में यह सीमा 5,000, शहरी क्षेत्रों में 3,000, अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,000 व गाँव-देहात में यह सीमा 1,000 रखी गयी है.
- बता दें कि यह नियम आगामी वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी एक अप्रैल से शुरू की जा रही है.
- गौरतलब है कि यदि आपके खातों में नियमानुसार न्यूनतम राशि नहीं है तो बैंक इसपर चार्गे लगाएगा.
- हालाँकि सरकार द्वारा इस नियम को वापस लेने के लिए आग्रह किया गया है.
- जिसके बाद अब बैंकों द्वारा कुछ और नए नियम भी लागू किया जा रहे हैं.
- जिसके तहत अब सरकार के समीक्षा करने के आग्रह के बाद आपके बचत खाते में यदि 25,000 रूपये हैं तो हर तीसरे माह में 15 रूपये SMS चार्ज लगेगा.
- परंतु बैंक 1000 तक के UPI/USSD ट्रांजेंक्शन्स पर किसी तरह का शुल्क नहीं वसूलेगी.
- इसके अलावा SBI द्वारा एक और नियम लागू किया गया है, जिसमे एक माह में आप केवल तीन बार फ्री कैश जमा कलर सकेंगे,
- जिसके बाद यदि आप अपने खाते में राशि जमा करते हैं तो इसपर चार्ज लगाया जाएगा.
- वहीँ दूसरे बैंकों के एटीएम से एक माह में टीन बार से ज्यादा नकद निकालने पर 20 फीस देना अनिवार्य होगा.
- वहीं अगर ग्राहक एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा ट्रांजेक्शन करता है तो हर बार 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा.
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