चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि दोषी विधायक-सांसदों पर आजीवन प्रतिबन्ध लगाया जाये. आयोग ने कहा है कि सजायाफ्ता विधायक-सांसदों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वहीँइस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अहम सवाल केंद्र सरकार से पुछे हैं और उसका जवाब माँगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से माँगा जवाब:
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, दागी नेताओं के केस की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनने चाहिए.
- इसमें कितना वक्त और फंड लगेगा यह 6 हफ्तों में बताए.
- इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल होगा.
- केंद्र बताये कि इसमें कितना खर्च आयेगा.
- वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ये स्पष्ट करे तो इसके बाद कोर्ट जजों की नियुक्ति और इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में देखेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार:
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी इस मामले में फटकार लगाई है.
- कोर्ट ने कहा कि क्या आप ये चाहते है कि केवल कागजी फैसला सुना दें.
- बिना आंकड़ों के आधार पर हम क्या ये कह दें कि राजनीति का अपराधीकरण हो चूका है.
- सुप्रीम कोर्ट ने अपराधिक मामलों में दोषी पाए जाने वाले नेताओं की दोष सिद्धि की दर की जानकारी मांगी थी.
- जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिन्हा की दो सदस्यीय बेंच ने कहा था कि आपराधिक मामलों में राजनीतिक व्यक्तियों की दोष सिद्धि की दर एक नया आयाम खोलेगी.
- कोर्ट ने ये कहा कि हम देखेंगे कि आपराधिक मामलों की परिणति दोष सिद्धि में नहीं होती है तो क्यों?
- इसके पीछे कारण क्या हैं?
सुप्रीम कोर्ट में दोषी ठहराए गए नेताओं को सजा पूरी होने के बाद छह साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य करार देने वाले जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान को असंवैधानिक करार देने के लिये वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई हो रही थी.
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