सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है.जिसमें इनकम टैक्स द्वारा की गयी सहारा बिरला पर छापेमारी की जाँच की मांग उठी थी.इस मामले में बड़े बड़े राजनीतिक हस्तियों के नाम सामने आये थे.सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनते हुए बोला ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे हम जांच करवा सके.सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी.
सहारा डायरी केस में कोई संवैधानिक सबूत नहीं
- बिरला- सहारा डायरी केस में आज सुनवाई हुई.
- मामले की पैरवी कर रहे मुकुल रस्तोगी ने बोला है
- ऐसा कोई सबूत नहीं है जो ये साबित करे की पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने
- कॉर्पोरेट हाउस से घूस ली है.अपनी दलीलों में मुकुल रस्तोगी बोले अगर
- ऐसे सबूतों को संवैधानिक मानकर सबूत मान लिया गया तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा.
- जबकि याचिकाकर्ता के वकील ने बोला की ऐसे बहुत सबूत हैं .
- जिनसे आरोप साबित हों .कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा की समझौता आयोग के आदेश की अखंडता पर शक नहीं है, लेकिन इस तरह की डायरी की अखंडता की जांच होनी चाहिए.
क्या है मामला ?
- कांग्रेस ने अपने ओफ़िशियल ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर पोस्ट की.
- वो तस्वीर सहारा डायरी से जुडी हुई है.
- उस तस्वीर में दिखाया गया है की मोदी जी ने सहारा और बिरला ग्रुप से चालीस करोड़ की रिश्वत ली है.
- इस तस्वीर को पोस्ट कर कोंग्रेस ही सवालों में घिर गई है.
- क्योकि शीला दीक्षित जो कांग्रेस पार्टी सदस्या रहीं हैं.
- उनका नाम भी इस लिस्ट में शामिल है.
- उनपर एक करोड़ रूपये लेने का आरोप लगा है.
शीला दीक्षित ने आरोपों को सिरे से नकारा है
- शीला दीक्षित ने इन सारे आरोपों का खंडन किया है.
- उन्होंने बोला की इस मामले में उन्हें कुछ नहीं पता.
- मुझे ऐसा कोई वाक्या याद नहीं है मुझे फंसाया जा रहा है.
- और ऐसी अफवाह फैला कर मेरी हस्ती पर उंगली उठायी जा रही है.
- कोर्ट ने भी इसकी सत्यता पर विशवास नहीं किया है.
- इसे सच साबित करने के लिए और सबूतों की आवश्यकता होगी.
बड़े नेता राजनेताओं के नाम शामिल
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों पर भी पैसा लेने का आरोप है.
- साल 2013 में उनपर मुख्यमंत्री कार्यकाल में पैसा लेने का आरोप लगा है.
- अब राहुल गाँधी द्वारा ये आरोप कितने सच हैं ये तो वक़्त ही बतायेगा.
- पर शीला दीक्षित का नाम आने से रंग में भंग ज़रूर पड़ गया है.