हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बच्चों को तंबाकू या ड्रग्स के प्रभाव से बचाने के लिए केंद्र सरकार को सख्त आदेश दिया है. जिसके तहत सरकार को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए नेशनल ऐक्शन प्लान बनाना है.
चार महीने में हो सर्वे :
- हाल ही में देश के उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक सख्त आदेश दिया है.
- जिसके तहत सरकार को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए नेशनल ऐक्शन प्लान बनाना है.
- कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि यह प्लान 6 महीने में बन जाए.
- इसके साथ ही चार महीने में देश के सभी स्कूलों में सर्वे हो कि बच्चों में ड्रग्स को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं.
- जिसके बाद नेशनल डाटा बेस बनाया जाए और सभी स्कूलों में ड्रग्स की जानकारी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.
- सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका पर दिया है.
- जिसमें कहा गया है कि देश भर में करोड़ों बच्चे नशे का शिकार हैं.
- इसके साथ ही सरकार इसे लेकर कोई कदम नहीं उठा रही है.
- केंद्र सरकार के ही मंत्रालय के नेशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे की 2005-06 में एक रिपोर्ट आई थी.
- जिसके अनुसार देश में 15 -18 साल की उम्र के क़रीब 12.5 करोड़ अलग-अलग तरह के ड्रग्स के शिकार हैं.
- सर्वे के मुताबिक़ 28.6 फ़ीसदी लड़के जबकि 5 फ़ीसदी लड़कियां किसी न किसी नशे के शिकार हैं.
- बच्चों में नशे की पहुंच को रोकने के लिये दाख़िल जनहित याचिका पर कोर्ट ने नेशनल पॉलिसी ऑफ़ ड्रग्स डिमांड रिडक्शन पॉलिसी 6 महीने के भीतर बनाने को कहा है.
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