कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ की बस पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रमुख सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ ही रॉ और आईबी प्रमुख भी शामिल थे। बैठक में आतंकी घुसपैठ, जवानो पर हमला और अन्य सभी आतंकी गतिविधियों पर चर्चा की गई। बैठक में आतंकी वारदात की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए गए, इसके साथ ही सुरक्षा में चूक को लेकर नीति में बड़े बदलाव भी किए गए।
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गृह मंत्रालय की इस उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि अब जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल के जवान बिना बख्तरबंद गाड़ियों के नहीं चलेंगे।
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बैठक में कश्मीर की सुरक्षा नीति में भी बदलाव करने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। तय किया गया कि राज्य में काफिले की सुरक्षा की जिम्मेदारी सबसे आगे सेना को दी जाएगी।
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इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में सभी अर्धसैनिक बलों के काफिले में सबसे आगे सेना की रोड ओपनिंग पार्टी साथ चलेगी।
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गृहमंत्रालय की बैठक में तय हुआ कि अर्धसैनिक बलों के काफिले की गाड़ियों में मेटल प्लेट लगाए जाएंगे, जिससे कि गाडियों पर गोलियों का कोई प्रभाव ना हो।
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साथ ही रोड ओपनिंग पार्टी के माइन प्रोटेक्शन व्हेकिल भेजे जाएंगे ताकि ब्लास्ट से बचा जा सके।
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पंपोर में हुए आतंकी हमले के बाद मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा है। अमरनाथ यात्रा के हाइवे को और सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए हैं।
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पंपोर हादसे पर दुख जताते हुए गृह मंत्री ने हमले के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के निर्देश दिए।
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सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय की जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद सुरक्षा नीति और भी बदलाव किए जा सकते हैं। रिपोर्ट के बाद ही पंपोर हमले में चूक की जिम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई की जाएगी।
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