साल 2016 में मोदी सरकार ने केंद्र कर्मचारियों को सातवा वेतन आयोग मुहैया किया था जिसपर काफी विरोध हुआ था.देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सरकार पर दबाव बनाया जिसके बाद इस मामले में समिति का गठन किया गया.
गठित समिति को चार माह में रिपोर्ट दाखिल करनी थी
- छह माह गुजर जाने के बाद भी इस मसले पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा.
- अब फिर गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर समय देने का अनुरोध किया है.
- एनसीजेसीएम के संयोजक और रेलवे कर्मचारी संघ के नेता शिवगोपाल मिश्रा.
- इस मिशन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
- उन्होंने बताया समिति द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया.
- मामला जस का तस है.अब राजनाथ सिंह से गुहार लगाई है.
देश भर में सातवे वेतन आयोग को लेकर नाराजगी
- कर्मचारियों का कहना है सरकार के इस रेवैये से वो बेहद खफा हैं .
- सरकार उनकी एक मांग पर भी हामी नहीं भर रही है.
- पेंशनर्स के फायदे की एक अनुसंशा को भी पेंशन विभाग ने खारिज कर दिया.
- 15 फरवरी को कार्यकर्ताओं ने हड़ताल का एलान कर दिया है.
- 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 34 लाख पेंशनरों के सम्मान को ठेस पहुँच रही है.
- सरकार ने केवल झूठे वादे किये हैं.
- इससे पहले जारी अनिशित्कालीन हड़ताल को
- सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने पर वापस ले लिया था.
- अब ये मामला कितना और गंभीर बनेगा ये वक़्त बतायेगा.
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