शिवसेना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने ‘नोटबंदी का चाबुक’ चलाकर कर्ज में दबे किसानों को निराशा की ओर धकेला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर निशाना साधा है और सरकार को कृषि क्षेत्र के प्रति केंद्र सरकार को बेपरवाह बताया।
केंद्र पर शिवसेना ने साधा निशाना-
- शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
- कृषि क्षेत्र के प्रति सरकार की बेपरवाही को लेकर मुखपत्र में सवाल उठाया है।
- सामना के संपादकीय में कहा कि केंद्र ने ‘नोटबंदी का चाबुक’ चलाकर कर्ज में दबे किसानों को गहरी निराशा में धकेल दिया और उनके खेत बर्बाद हो जाने दिए।
- शिवसेना ने कहा कि पिछले वर्ष मानसून किसानों के लिये काफी उम्मीदें लेकर आया था।
- कहा कि बीते साल फसल का उत्पादन भी भारी हुआ था।
- लेकिन नोटबंदी ने उन्हें अपनी फसलों को मिट्टी के भाव बेचने पर मजबूर कर दिया।
बीजेपी को तबाह कर सकते है किसान-
- अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने केंद्र को नसीहत देते हुए कहा कि अगर किसानो की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो यह बीजेपी की तबाही का सबब बन सकता है।
- शिवसेना ने कहा कि यह किसानो की लड़ाई की शुरुआत है।
- आगे कहा कि यह लड़ाई तब तक रहेगी जब तक सरकार किसानों की आखिरी मांग को स्वीकार नहीं कर लेती।
- शिवसेना ने कहा कि पार्टी किसानों का समर्थन अंत तक जारी रखेगी।
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