जम्मू कश्मीर पुलवामा में भारतीय सेना और आंतकियों के बीच एक बार फिर मुठभेड़ हुई जिसमें जवानों ने आतंकियों का बहादुरी से सामना किया और तीन दहशतगर्दो को मौत के घाट उतार दिया। मरने वाले तीनों आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन के बताये जा रहे हैं। आतंकियों ने एक घर पर पिछली शाम कब्जा कर लिया था और वहीं से छिप कर फायरिंग कर रहे थे। सेना के जवानों ने जब इस घर में घुसने की कोशिश की तब आतकीं जवानो पर गोलिया बरसाने लगे। कुछ समय तक चली इस गोलाबारी में जवानों ने तीन आतकियों को मारने में सफलता प्राप्त की।
सैन्य अधिकारी ने कहा कि आतंकियों की पहचान आशिक हुसैन भट्ट, मोहम्मद इसाक पैरे और आसिफ अहमद मीर के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि भट्ट पिछले साल उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर बोले गए हमले में संलिप्त आतंकियों को शरण उपलब्ध करवाने में शामिल था। गोलीबारी वाली जगह से तीन एके 47 राइफल बरामद हुई हैं और वहां पर आतंकियों की खोज एवं सफाए का अभियान जारी है। रक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक डडसारा मीर मोहल्ला में सुरक्षा बलों को कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सेना की 42 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), सीआरपीएफ की 180, 185 बटालियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस सर्च ऑपरेशन दल पर आतंकियों की ओर से गोलीबारी शुरू हुई जिसके बाद भारतीय जवानों ने तीनों आतंकियों को मार गिराया। वहीं इलाके में मुठभेड़ के दौरान कुछ युवकों द्वारा पत्थरबाजी करने की खबर है। इस में फिलहाल किसी के चोटिल होने की खबर नहीं