देश भर में तीन तलाक को लेकर तेज़ होती बहसबाज़ी के बीच मुस्लिम संगठन ने तीन तलाक के लिए समर्थन जुटाने की मुहिम पूरे देश में छेड़ दी है. गौरतलब है कि देश में मुस्लिम महिलाओं का समर्थन हासिल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है ।
देशभर में मुस्लिम महिलाओं का हस्ताक्षर अभियान शुरु
- गौरतलब है कि ट्रिपल तलक को ले कर देश भर में माहौल काफी गरमाया हुआ है।
- सभी मुस्लिम संगठनों से जुड़े नेता सभा कर के ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि तीन तलाक कैसे धर्म के हित में है।
- इसको खत्म करना सरकार द्वारा मुस्लिम समाज के खिलाफ साजिश बताई जा रही है।
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- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ‘AIMPLB’ ने मोदी सरकार के विरोध में देशभर में मुस्लिम महिलाओं का हस्ताक्षर अभियान शुरु किया है।
- तलाक का विरोध किस प्रकार मुस्लिम विरोधी है यह बताने के लिए पर्चे भी बांटे जा रहे हैं।
- ‘AIMPLB’ द्वारा महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में आगे आए।
- महिलाएं सभी को खुद बताएं कि ट्रिप्पल तलाक इस्लाम में कितना जायज़ है।
- सभी मुस्लिम संगठनों ने इसे धर्म का मामला बताया है और सरकार को इससे दूर रहने को कहा है।
- गौरतलब है की तलाक के मामले को खुद संज्ञान में लेते हुए पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की थी।
- कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भी अर्जी दाखिल करके कोर्ट की मदद मांगी थी।
- सरकार ने 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि संविधान में तीन तलाक की कोई जगह नहीं है।
- मर्दों की एक से ज्यादा शादी की इजाजत संविधान नहीं देता है।
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- तीन तलाक और बहुविवाह इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
- केंद्र सरकार ने कोर्ट में दलील दी है कि संविधान में हर नागरिक को बराबरी का अधिकार मिला है।
- इसी लिए मुस्लिम महिलाओं को भी बराबरी का अधिकार है।
- पर्सनल लॉ को संविधान की कसौटी पर कसना जरूरी है जो प्रावधान संविधान के मुताबिक नहीं है उन्हें खत्म करना चाहिए।
- सरकार के इस हलफनामे से पहले पिछले महीने ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया था।
- इसमें कहा गया था कि धार्मिक आधार पर बने नियमों को संविधान के आधार पर नहीं परखा जा सकता।
- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये दलील भी दी थी कि पत्नी से छुटकारा पाने के लिए पति उसका कत्ल कर दे,
- इससे बेहतर है कि उसे 3 बार तलाक बोलने दिया जाए।
- पत्नी के रहते दूसरी शादी की इजाजत से मर्द अवैध संबंध नहीं बनाता या रखैल नहीं रखता।
- तीन बार तलाक कहकर एक झटके में रिश्ता तोड़ने के चलन पर बरसों से बहस होती रही है।
- लेकिन, अब व्हाट्सऐप, स्पीड पोस्ट और यहां तक कि फोन पर तलाक देने से ये मामला और पेचीदा हो गया हैं।
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