शनिवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर की सोनी चौरसिया ने एक ‘विश्व कीर्तिमान’ अपने नाम कर लिया है। सोनी ने 124 घंटे लगातार कथक नृत्य कर विश्व कीर्तिमान अपने नाम किया। इससे पहले ये कीर्तिमान त्रिचूर(केरल) की हेमलता कमंडल के नाम था। जिन्होंने 123 घंटा 20 मिनट तक मोहिनीअट्टम शैली में नृत्य कर इस कीर्तिमान को बनाया था।
दूसरे प्रयास में मिली सफलता:
सोनी चौरसिया ने इस कीर्तिमान को बनाने के लिए पिछले साल 14 नवम्बर को पहली बार प्रयत्न किया था, तब उनका प्रयास 87 घंटा 18 मिनट में ही समाप्त हो गया था। यह सोनी का दूसरा प्रयास था, जिसमें उन्हें सफलता मिली। शनिवार रात 9 बजकर 21 मिनट पर खुशीपुर-रोहनिया स्थित माउंट लिट्रा जी स्कूल का सभागार तालियों और सोनी के नाम से गूंजने लगा। सोनी ने इस कीर्तिमान को अपने नाम करने करने के लिए 124 घंटे तक लगातार कथक कर अपने दूसरे प्रयास में अपने सपने को पूरा कर लिया।
सोनी चौरसिया के विश्व कीर्तिमान पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि, “इतनी कम उम्र और इतना बड़ा मुकाम। सोनी के जुनून, जज्बा और लगन का परिणाम है। सोनी के माध्यम से देश को एक और कथक नृत्यांगना मिली है। अब उसे अपनी लगन को और मजबूत करते हुए कला को निखारना है”।
कठिन है यह नृत्यशैली:
सोनी चौरसिया ने हेमलता कमंडल के 123 घंटा 20 मिनट, मोहिनीअट्टम शैली के नृत्य के कीर्तिमान को कथक शैली में 124 घंटे तक कर अपने नाम किया। गौरतलब है कि, जानकारों के अनुसार कथक और मोहिनीअट्टम नृत्य करने की विशेष शैली हैं, मोहिनीअट्टम शैली में भाव पक्ष की प्रधानता के कारण हाथों और मुख की मुद्राओं का ज्यादा काम होता है, जबकि कथक में पैरों का काम ज्यादा होता है, पूरे शरीर का भार उठाने के साथ ही कथक भाव पक्ष और ताल का समन्वित रूप है, ऐसे में कथक शैली ज्यादा कठिन है।
नहीं मानी हार:
सोनी चौरसिया ने पिछले साल 14 नवम्बर को पहली बार प्रयत्न किया था, जिसमें उन्हें सफलता हांसिल नहीं हुई। लेकिन सोनी ने बिना हताश हुए अपने सपने को पूरा करने का प्रयास जारी रखा। गंगापार बालू की रेत, सड़क और घर सोनी की अथक मेहनत, जुनून, लगन और जज्बे के गवाह हैं। सोनी चौरसिया! पूरे देश को आप पर गर्व है।