प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नोएडा में स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। उनके साथ मंच पर उत्तर प्रदेश के 17 दलित सांसद भी मौजूद होंगे, लेकिन आपको जानकार हैरानी हो सकती है कि अमूमन प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए तैयार रहने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं आएंगे क्योंकि अब यह धारणा बन चुकी है कि उत्तर प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है।
शायद यही वजह है कि प्रदेश सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री की अगुवानी और स्वागत प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर करेंगे। अख्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा और प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करेंगे।
स्टैंअप इंडिया से क्या होगा लाभ-
अनुसूचित जाति/ जनजाति के लोगों औऱ महिलाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।
10 से 100 लाख रुपए तक का कर्ज मुहैया करवाया जाएगा।
वाणिज्यिक बैंकों के देना होगा इस तरह का कर्ज।
क्या अंधविश्वास के कारण नहीं पहुंचे अखिलेश
सियासी गलियारों में चर्चा है कि सीएम अखिलेश के नोएडा न आने का कारण अंधविश्वास है। ऐसा माना जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा आता है वह अगला चुनाव हार जाता है। इससे पहले चुनाव हारने के डर के कारण अखिलेश यादव अखलाक के परिवार से मिलने के लिए बिसाहड़ा भी नहीं गए थे।
मायावती ने की थी कोशिश…
मायावती ने 2011 में यह अवधारणा तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन नोएडा जाने के बाद वह 2012 के चुनाव में सत्ता गंवा बैठीं थीं। इससे पहले कई बार खबरें आईं कि मायावती भी नोएडा जाने से बचती हैं।
अखिलेश लखनऊ से ही करते हैं योजनाओं को लॉन्च
सीएम अखिलेश यादव नोएडा और ग्रेटर नोएडा जाने से बचते हैं। वह वहां से जुड़ी सभी योजनाओं का शिलान्यास लखनऊ से ही करते हैं।
ये हैं वे नेता, नोएडा जाकर गवांई सत्ता
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, इससे पहले कई सीएम ने नोएडा जाकर अपनी कुर्सी गंवाई है। इसमें वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता के नाम शामिल हैं। कहा जाता है कि इन्होंने नोएडा की सैर की तो लखनऊ दोबारा नहीं पहुंच सके।