संसद के आगामी सत्र में देश का बजट वित्तमंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे। इस बजट में केंद्र सरकार का पूरा ध्यान किसानों और ग्रामीण इलाकों पर रहने वाला है। इसी कारण 2018 के बजट में इंफ़्रा और ग्रामीण इलाकों पर ख़ास ध्यान रहने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार युवाओं को नयी नौकरियां देने के लिए बजट में ख़ास बदलाव कर सकती है।
नौकरियां देने का होगा दबाव :
विशेषज्ञों का मानना है कि नोटबंदी और GST का काफी ख़ास असर रोजगार पर पड़ा है। इनके आने से भारी संख्या में रोजगार की कमी हुई है। यही कारण था गुजरात चुनाव्ब में सरकार बचाने में काफी दिक्कतें आयी थी। जीएसटी और नोटबंदी की सबसे ज्यादा मार ग्रामीण इलाके में पड़ी है। ऐसे में सरकार पर रोजगार के नए अवसर बढ़ाने का दबाव है।
कई उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा :
सरकार बजट में लेबर ओरिएंटेड इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने की कोशिश जरूर करेगी। टेक्सटाइल्स, लेदर, फिशरी इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा मजदूर काम करते हैं। ऐसे में इन्हें बजट में कुछ फायदे जरूर मिलेंगे। रोजगार बढ़ने के साथ युवाओं को फायदा होगा।
2022 तक सरकार का लक्ष्य किसानों की सालाना आय को बढ़ाकर दोगुना करना है। किसानों की इनकम बढ़ने पर कंजम्पशन सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण इलाकों को लिए खर्च बढ़ाने पर इन सेक्टर के अलावा ऑटो व लॉजिस्टिक कंपनियों को भी फायदा होगा।
इन सेक्टर को मिलेगा फायदा :
रोजगार के नए अवसर पैदा होने का सबसे ज्यादा फायदा कंजम्पशन सेक्टर को मिलने की उम्मीद है। इस इंडस्ट्री में रोजगार बढ़ने के साथ ही लोगों के हाथ में पैसा आना शुरू हो जायेगा। पैसा आने के साथ ही खरीददारी बढ़ेगी जिसका तात्कालिक फायदा सेक्टर को होगा।