नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट में सुप्रीम कोर्ट में स्टूडेंट इस्लामिक द्वारा दायर याचिका दाखिल की गयी थी.जिसमें उर्दू को भी मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में शामिल करने की बात कही गयी थी.सुप्रीम कोर्ट ने ईस मामले में सुनवाई करने से साफ़ इनकार कर दिया है.
17 फरवरी को स्टूडेंट इस्लामिक द्वारा याचिका दाखिल
- इससे पहले एसआईओ ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीईएसी,यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ,
- फैमिली वेलफेयर के खिलाफ याचिका दाखिल की गयी थी.
- उर्दू को नीट 2017 में परिभाषित ना करने के कारण ये याचिका दाखिल की गयी थी.
- नीट 2017 की परीक्षा मई 2017 में होनी है.
- संगठन ने कहा कि उर्दू को नीट परीक्षा में ना लाना सरासर नाइंसाफी है.
- कई बच्चे अपनी पढ़ाई उर्दू मीडियम से करते हैं.
इस्लामिक संगठन उर्दू ना शामिल किये जाने पर नराज़
- उनके लिए इस तरह से परीक्षा देना थोड़ा कठिन होता है.
- मिनिस्ट्री ने फिलहाल अबतक दस भाषाओं को इस परीक्षा का हिस्सा बनाया है.
- सम्पूर्ण भारत में नीट 2017 परीक्षा इन दस भाषाओं में इस साल होगी.
- इस्लामिक संगठन द्वारा उर्दू को इन भाषाओं में शामिल ना किये जाने पर नराजगी जताई है.
- हाल ही में यूजीसी की बैठक में फैसला लिया गया था कि NEET की प्रवेश परीक्षा
- केवल तीन बार दी जा सकती है.साल 2017 को पहला प्रयास माना जाएगा.
- इससे पहले किये गए सारे प्रयासों को इसमें नहीं माना जाएगा.