कोलकाता में 1941 में अपने पैतृक आवास से जिस कार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंग्रेजों को चकमा देकर भागे थे,उसकी मरम्मत की गई है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बुधवार को उसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
कृष्णा बोस ने बतायीं कार की कुछ खास बाते
- नेताजी के भतीजे शिशिर कुमार बोस की पत्नी कृष्णा बोस ने बताया
- कृष्णा बोस ने बताया कि कार1937 में बनी थी .
- जर्मन वांडरर सेडान को ऑटोमोबाइल कंपनी ऑडी ने इसे 1941 का रूप दिया है
- अब यह शानदार तरीके से चलने की पूर्ण स्थिति में है.
- कृष्णा बोस ने कहा कि इसकी टेस्ट ड्राइव मेरे पति डॉ. शिशिर बोस ने 1978 में की थी.
- उन्होंने एक जापानी न्यूज चैनल की शूटिंग के लिए टेस्ट ड्राइव की थी.
- नेताजी की इस कार को रिसर्च ब्यूरो ने हमें 1958 में तोहफे के रूप में दी थी .
वहां कार को लोगों के देखने के लिए रखा गया था.
- कृष्णा बोस ने बताया कि उनके परिवार के सदस्यों ने 1957 तक इस कार की सवारी की थी.
- नेताजी रिसर्च ब्यूरो और हमारा परिवार इसे 1941 का रूप देना चाहते थे.
- उसी साल नेताजी को शिशिर कुमार बोस जनवरी में कोलकाता से गोमो ले गए थे.
- पूर्व लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘राष्ट्रपति बुधवार को कार को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
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