गुरुवार 1 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती को लेकर जहाँ राज्य सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे सैन्य तख्तापलट की कोशिश कहा है, वहीँ संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का ध्यान नोटबंदी से हटकर इस विषय पर आ गया है। शुक्रवार को भारतीय सेना के मेजर जनरल सुनील यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर सेना की तैनाती पर जानकारी दी।
लोगों से पैसे लेने के आरोप को बताया आधारहीन:
- शुक्रवार को भारतीय सेना के मेजर जनरल सुनील यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर बंगाल में सेना की तैनाती पर जानकारी दी।
- जिसमें उन्होंने जवानों द्वारा लोगों से पैसा वसूलने को पूरी तरह आधारहीन बताया है।
- मेजर जनरल ने आगे जानकारी दी कि, यह एक रूटीन अभ्यास है, जिससे हमें बाद में ऑपरेशनल मदद मिलती है।
- मेजर जनरल सुनील यादव ने आगे जानकारी दी कि,
- “कई राज्यों के विभिन्न दाखिल होने वाले रास्तों पर सेना की तैनाती की गयी है”।
- इसी में आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि, इस काम में हमारे साथ लोकल पुलिस भी शामिल है।
- मेजर जनरल ने आगे जानकारी दी कि, नार्थ-ईस्ट के कई राज्यों में डाटा कलेक्शन के लिए यह एक्सरसाइज की जा रही है।
नार्थ-ईस्ट राज्यों में एक्सरसाइज:
- अभ्यास इन राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम में चल रहा है।
- उन्होंने आगे बताया कि, इस क्षेत्र में कुल 80 जगह ऐसी हैं जहाँ डाटा कलेक्शन किया जाता है।
- मेजर जनरल ने आगे कहा कि, हर पॉइंट पर 5-6 सैनिक तैनात हैं, जिनके पास हथियार भी नहीं हैं।
- उन्होंने आगे कहा कि, सेना के जवान सिर्फ भारी वाहनों का डाटा कलेक्ट कर रहे हैं।
- साथ ही उन्होंने कहा कि, ये एक सालाना की जाने वाली प्रक्रिया है, जिसे हर साल किया जाता है।
- उन्होंने आगे कहा कि, यही एक्सरसाइज इससे पहले झारखण्ड, यूपी और बिहार में 26 सितम्बर से 1 अक्टूबर के बीच की जा चुकी है।
रक्षा मंत्री बोले, रूटीन एक्सरसाइज:
- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी सेना की तैनाती के मामले में जानकारी दी है।
- मनोहर पर्रिकर ने भी इसे सिर्फ एक रूटीन एक्सरसाइज बताया है, जिसे हर साल में एक बार किया जाता है।
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