सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया है क्या कोई ऐसा तरीका निकाला जा सकता है जिससे वोटिंग सबके लिए अनिवार्य हो जाये.मतदान को सभी के लिए अनिवार्य करने पर कोर्ट ने ये बात कही गयी है.इस सन्दर्भ में एक याचिका दायर की गयी थी जिसमें ये बात उठी थी की मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सभी योग्य लोगों के लिए मतदान अनिवार्य होना चाहिए .
केंद्र को दिया गया चार हफ्ते का समय
- अट्ठारह वर्ष और उससे ऊपर के सभी लोगों के लिए मतदान अनिवार्य करने के लिए
- सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.जिसपर कोर्ट ने केंद्र से जवाब माँगा है.
- अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम तथा ब्राजील की तरह देश में भी हर किसी के लिए
- मतदान अनिवार्य कर देना चाहिए.इस मुद्दे पर देश में काफी समय से बहस चल रही है.
- लेकिन अलग अलग प्रतिक्रियाओं और राजनीति में ये मामला फंस रहा है.
- लोग इस विषय पर एकमत भी नहीं हो पा रहे हैं.
मतदान को मौलिक जिम्मेदारी में जोड़ने और उल्लंघन करने पर जुर्माना
- देश का एक हिस्सा जहां इसके पक्ष में बात कर रहा है.
- बात ना मानने पर जुर्माना ठोकने की बात कही जा रही है.
- दूसरा वर्ग इसे मौलिक अधिकार ना मानते हुए इस तरह के नियम को.
- ज़बरदस्ती करार दे रहे हैं.कुछ का कहना है मतदान अनिवार्य हो जाने से भ्रष्टाचार में कमी आएगी.
- देखा जाए तो मतदानों को कराने के लिए करोड़ों खर्च किये जाते हैं.
- इस दौरान भ्रष्टाचार भी बढ जाता है.केंद्र इस मामले में क्या जवाब देगा.
- चुनाव आयोग द्वारा इस अधिकार को अनिवार्यता देने पर असहमति जताई जा रही है.
- किसी को मतदान करने के लिए ज़बरदस्ती कहना सही नहीं होगा.
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