लंबी दाढ़ी रखने वाले एक व्यक्ति को एयरफोर्स से निकाले जाने को सुप्रीमकोर्ट ने उचित ठहराया है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने गुरुवार को आफताब अहमद अंसारी की अपील को खारिज करते हुए कहा कि ड्रेस कोड मामले को लेकर एयरफोर्स के नियम-कायदे को भेदभाव करने वाला या किसी के धार्मिक अधिकारों में दखल करने वाला नही माना जा सकता है। खंडपीठ ने भी कहा की सशस्त्र सेनाओं के नियम-कायदे अनुशासन और एकरूपता पर जोर देते हैं।
ये है पूरा मामला
- एयर फोर्स में कार्यरत आफताब अहमद अंसारी ने वर्ष 2008 में एक याचिका दायर की थी।
- जिसमे उन्होंने कहा था कि दाढ़ी रखना उनकी धार्मिक आजादी का बुनियादी पहलू है।
- इस याचिका में आफताब ने अपने अधिकार को सिखों जैसा बताते हुए कहा की उन्हें दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाती है।
- गौरतलब है कि आफ़ताब की इस बात पर एयरफोर्स ने जवाब दिया था की इस्लाम में दाढ़ी रखना एक वैकल्पिक बात होती है।
- जबकी सिखों में दाढ़ी रखना और पगड़ी पहनना बुनियादी तत्व नहीं होता है।
- गौरतलब है की उस समय की युपीए सरकार ने यह निर्देश दिया था कि सेना में यदि मुस्लिम व्यक्ति दाढ़ी रखते हैं।
- तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।