निजी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ दायर तीन साल पुरानी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट मे आज फैसला आया.सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में बारहवी के नतीजों को भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में महत्व देने को कहा है.
केवल प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देना गलत
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा की छात्रों को केवल प्रवेश परीक्षा के आधार पर
- आंकना बेहद गलत है.बारहवी के नतीजों को भी महत्व देना चाहिए.
- स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा साल
- 2014 में एक याचिका दाखिल की गयी थी.
- कोचिंग इंस्टिट्यूट के बढ़ते स्तर और बच्चों के भविष्य पर चिंता जताई थी.
- इस याचिका में ये भी कहा गया था की अनगिनत कोचिंग इंस्टिट्यूट
- खुलने से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
- इन संस्थानों को शोषण का अड्डा कहा जाना चाहिए.
जस्टिस आदर्श गोयल और उदय ललित की बेंच द्वारा फैसला
- आज इस तीन साल पहले दाखिल की गयी याचिका पर फैसला आया है.
- याचिका में कहा गया था कि इन कोचिंग संस्थानों पर रो लगानी चाहिए.
- बच्चों को आकर्षित कर लूटते हैं ये सारे संस्थान
- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा की इन संस्थानों पर रोक नहीं लगाई जा सकती.
- अगर कुछ गलत हो रहा है तो इसका संज्ञान राज्य सरकार को लेना चाहिए.
- सरकार को कोचिंग व्यवसाय को लेकर दिशानिर्देश बनाने चाहिए.
प्रवेश परीक्षा में 40 फीसदी नंबर 12वीं के होने चाहिए
- सरकार जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा के लिए.
- एक समिति का गठन करने जा रही है.
- जिससे मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में
- पारदर्शिता लायी जा सके.साथ ही कोर्ट द्वारा दिए गए
- निर्देशों का भी पालन किया जाएगा.
- प्रवेश परीक्षाओं में चालीस फीसदी अंक बारहवी के होंगें.
- बाकी साठ प्रतिशत प्रवेश परीक्षा के होंगें.
- उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इन सुझावों पर जल्द अमल किया जाएगा.
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