हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फरमान जारी किया है जिसके तहत उसने सरकार के लिए काम कर रहे आस्थाई कर्मचारियों को भी स्थाई कर्मचारियों जैसा वेतन देने की बात कही है.
बराबर काम का बराबर पैसा :
- हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सरकार के लिए अस्थाई या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए फरमान जारी किया है.
- इस फारमान के अनुसार अस्थाई कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन देने का आदेश दिया है.
- कोर्ट ने कहा है कि बराबर काम के लिए बराबर पैसा को मानना ही होगा.
- यही नहीं सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ये भी कहा कि कम पैसे देना दमनकारी है.
- आपको बता दें कि न्यायालय के इस फैसले से देशभर के लाखों अस्थाई कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
- इस बेंच के जस्टिस जे एस खेहर और एसए बोबदे ने यह फैसला सुनाया है.
- कोर्ट के अनुसार एक ही काम में लगाए गए लोगों को किसी दूसरे व्यक्ति से कम सैलरी नहीं दी जा सकती.
- इसके साथ ही कोर्ट ने भारत के वेलफेयर स्टेट होने का तर्क भी दिया.
- साथ ही कहा कि कम पैसे पर काम करवाना मानवीय गरिमा के खिलाफ है.
व्यक्ति इच्छा से कम वेतन में नहीं करता काम :
- कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों के सिद्धांत को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है.
- कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति कम पैसे में इच्छा से काम नहीं करता है.
- साथ ही कोर्ट ने कहा कि एक आम आदमी खुद की प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर काम करता है.
- ऐसा इसलिए क्योकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता है और उन्हें खुश देखना चाहता है.
- क्योंकि वह जानता है कि अगर कम पैसे में काम स्वीकार नहीं किया तो उसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
- आपको बता दें कि कोर्ट पंजाब के अस्थाई कर्मचारियों से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी.
- जिन्होंने स्थाई कर्मचारियों के बराबर वेतन पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
- हालांकि पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था कि अस्थाई कर्मचारियों बराबर सैलरी नहीं दी जा सकती.
- जिसके बाद अब उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश दिया है.