मुस्लिम समुदाय के नियम व क़ानून उनके द्वारा बेहद दृढ़ता से माने जाते हैं और इनपर अमल भी किया जाता है. बता दें कि इस समुदाय का नियमों के लिए अपना ही एक बोर्ड बना हुआ है जो सभी नियमों के पालन में सहायता करता है. इस बोर्ड का नाम आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(AIMPLB) है. वैसे तो इस धर्म के नियम काफी पुराने हैं परंतु कुछ नियम अब महिलाओं के पाँव में बेड़ियों का काम करते नज़र आ रहे हैं. इनमे से मुख्य है तीन तलाक का नियम जिसके तहत आज से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई की जानी है.
समानता के लिए मुस्लिम महिलाओं ने उठाई आवाज़ :
- देश के उच्चतम न्यायालय में आज से ट्रिपल तलाक के मामलों पर सुनवाई की जानी है.
- बता दें कि इस सुनवाई के लिए खुद जस्टिस केहर समेत पांच जजों की एक पीठ बनायी गयी है.
- इस पीठ द्वारा करीब सात याचिकाओं पर सुनवाई की जानी है जिनमे से पांच मुस्लिम महिलाओं द्वारा दायर की गई हैं.
- बता दें कि इन महिलाओं द्वारा ये याचिकाएं ट्रिपल तालक के खिलाफ और समानता के लिए उठाई आवाज़ मानी जा रही है.
- आपको बता दें कि पांच न्यायाधीशों की यह पीठ जिसमे खुद जस्टिस केहर शामिल हैं.
- उनके साथ ही इसमें जस्टिस कुरियन जोसेफ, आर एफ नरीमन, यू यू ललित व अब्दुल नाज़र भी शामिल होंगे.
- गौरतलब है कि बेंच के सदस्य सिख, ईसाई, पारसी, हिंदू व मुस्लिम सहित विभिन्न धार्मिक समुदायों से हैं.
- बताया जा रहा है कि इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी भी शामिल होंगे.
- इन मामलों की सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि क्या वाकई मुस्लिम महिलाओं के साथ भेद-भाव हो रहा है या नहीं.
- गौरतलब है कि बीते अप्रैल में इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा निर्णय दिया गया था कि कोई भी नियम व क़ानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता है.
- जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के इस निर्णय को भी ध्यान में रखा जाएगा.
- कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई शुरू हो चुकी है जिसके तहत कोर्ट ने साफ़ किया है कि वह बहुविवाह मामले पर सुनवाई नहीं करेगा.
- साथ ही तीन तलाक के कुछ मामलों पर ही सुनवाई की जायेगी और उनपर निर्णय दिया जाएगा.
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