व्हाट्स ऐप के डाटा को फेसबुक से जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में निजी डाटा और प्राइवेसी के लिए याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि हर व्यक्ति की प्राइवेसी का मामला है और केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए कोई नियम बनाया जाना चाहिए. केंद्र को नोटिस जारी कर दो हफ्ते का समय दिया गया है.
डाटा शेयर करने का मामला सीधे-सीधे प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है.
- बात चल रही है ट्राई द्वारा कोई नियम बनाया जाना चाहिए.
- ये मामला 155 मिलियन लोगों के डाटा से जुड़ा है.
- याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है.
- चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने याचिकाकर्ता से पूछे ये सवाल -खेहर ने से पूछा कि अगर ये फ्री सर्विस है.
- अगर आपको डाटा शेयर होने का डर है तो आप इसे इस्तेमाल क्यों करते हैं?
- या तो आप इस सर्विस को लीजिए या फिर छोड दीजिए.
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल 23 सितंबर को व्हाट्सऐप को आदेश दिया था.
- 25 सितंबर तक का यूजर डेटा डिलीट करे.दिल्ली हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि
- 25 सितंबर से पहले अगर कोई यूजरअपना अकाउंट डिलीट करता है और
- FB से साझा नही करता है तो सूचना कंपनी को सर्वर से डिलीट करनी होगी.
- लेकिन 25 सितंबर के बाद के डेटा को व्हाट्सऐप, फेसबुक के साथ शेयर कर सकता है.
- यह फैसला हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका के तहत दिया था.
- जिसमें सवाल व्हाट्सऐप की शेयरिंग पॉलिसी पर उठाया गया है.
- इससे पहलेव्हाट्सऐप ने अपनी नीति में बदलाव कर अपने यूज़र्स का डेटा
- फेसबुक के साथ शेयर करने की बात कही थी.इसका इरादा यूज़र्स तक सटीक विज्ञापन पहुंचाना था.
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