राजनीतिक पार्टियों द्वारा चंदे पर कानून बनने की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए याचिका को खारिज का दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा की ये एक पालिसी है.इसमें कानून का उल्लंघन कही से भी नजर नहीं आ रहा है.
SIT या सीबीआई से FIR कर जांच कराने की मांग
- केस की SIT या सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई थी.
- वकील एम एल शर्मा ने भारतीय जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के सेक्शन 28.
- इनकम टैक्स एक्ट के 13 के तहत मामले को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की है.
देश में 1848 राजनीतिक पार्टियां पंजीकृत
- 13 दिसंबर 2016 के आकड़ों पर गौर करें तो भारत में 1848 राजनीतिक पार्टियां दर्ज हैं.
- याचिका में कहा गया है की इस कानून का फायदा उठाकर पार्टियाँ चंदे के नाम पर अपनी जेबें भर्ती हैं.
- देश में तो चंदा लिया जा रहा है.विदेशों से भी चंदे के नाम पर.
- पार्टियां खूब पैसे बटोर रही हैं.आम आदमी पार्टी की वेबसाइट पर.
- पार्टी द्वारा इकट्ठा की गई चंदा राशी के आंकडें नहीं हैं.
- इस बात पर काफी सवाल उठ रहे हैं.
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका रद्द होने के बाद .पार्टियाँ क्या कदम उठती हैं.
- ये गौर करने वाली बात होगी.
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