हाल ही में CBI के अस्थाई निदेशक राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे हैं. जिसके तहत पुछा गया की अब तक आर. के. दत्ता का ट्रांसफर क्यों किया गया है ?
कमेटी की सिफारिश बिना कैसे हुई नियुक्ति :
- हाल ही में कोर्ट ने CBI के अस्थायी निदेशक राकेश अस्थाना की नियुक्ति केंद्र से कई सवाल पूछे हैं.
- जिसके तहत कोर्ट ने आर.के. दत्ता के सीबीआई में कार्यकाल के उपर सवाल उठाये हैं.
- साथ ही पूछा है की उनका कार्यकाल कम करके गृह मंत्रालय में कमेटी की सिफारिश के बिना कैसे नियुक्ति कर दी गई.
- इसके अलावा SC ने सरकार से पूछा कि क्या ट्रांसफर करने में उपयुक्त प्रक्रिया का पालन किया गया है.
- गौरतलब है कि CBI के किसी अधिकारी का कार्यकाल कम करने के लिए सीवीसी की मंजूरी जरूरी है.
- आर. के. दत्ता कोल घोटाले और 2G घोटाले की जांच कमेटी में भी शामिल थे.
- इसी बाबत कोर्ट ने कहा कि इस कमेटी से जुड़े अधिकारी का ट्रांसफर करने से पहले अनुमति लेना जरूरी था.
- परंतु कोर्ट के अनुसार ऐसा नहीं किया गया है.
- बता दें की नामी वकील प्रशांत भूषण की स्वयंसेवी संस्था कॉमन कॉज की ओर से याचिका दायर की गयी थी.
- इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की.
- कॉमन कॉज की तरफ से कहा गया कि सरकार सीबीआई को खत्म करना चाहती है.
- इसलिए इस प्रकार का कदम उठा रही है.
- प्रशांत भूषण के अनुसार सरकार ने सीबीआई के मौजूदा निदेशक के रिटायरमेंट पर अपना पक्ष रखा.
- इसके साथ ही आरोप लगाया की रिटायरमेंट से ठीक 2 दिन पहले सीबीआई में दूसरे सबसे बड़े अधिकारी आर. के. दत्ता का ट्रांसफर कर दिया था.
- ऐसा इसलिए ताकि अस्थाना की अस्थायी नियुक्ति निदेशक के तौर पर की जा सके.
- वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने नए निदेशक के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
- जिसके बाद जल्द ही इस पर प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस की चयन समिति में चर्चा होगी.