देश में जजों की कमी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने 9 महीने पहले 77 जजों के नाम सरकार को भेजे थे जिसकी नियुक्ति हाई कोर्ट में की जानी थी । लेकिन जजों की नियुक्ति पर सरकार का रवैया अब तक बहुत ढीला रहा है । सरकार ने अभी तक 77 में से सिर्फ 18 नामों को ही मंज़ूरी दी है । सरकार के इस ढीले रवैये के पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई है । साथ ही SC ने इस मामले में सरकार से सफाई भी मांगी है।
ऐसे ही रहा तो PMO सचिव और कानून मंत्रालय के अधिकारीयों से जवाब तलब करेगी SC
- HC जजों की नियुक्ति पर सरकार के ढीले रवैये से नाराज़ सुप्रीप कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई।
- नियुक्ति के लिए SC द्वार दिए गए 77 नामों में से सिर्फ 18 को ही अभी तक सरकार से मंज़ूरी मिली है।
- चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने सरकार के इस रवैये पर नाराज़गी जताई है ।
- उनहोंने कहा “9 महीने से कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए नामों पर सरकार बैठी है।”
- “सिर्फ कुछ नामों को मंजूरी दी गई है। “
- “अगर किसी वजह से दिक्कत है तो सिफारिशों को दोबारा विचार के लिए कॉलेजियम के पास भेजना चाहिए था।”
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- उन्होंने कहा, “देश के हाई कोर्ट जजों की लगभग 60 फीसदी संख्या पर काम कर रहे हैं।”
- “कोर्ट रूम लॉक रखने पड़ रहे हैं। क्या आप न्यायपालिका को बंद कर देना चाहते हैं?”
- चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने कहा कि सरकारी अफसर फाइलों पर बैठे हैं।
- अगर ऐसा ही रहा तो पीएमओ के सचिव और कानून मंत्रालय के अधिकारियों को कोर्ट में बुला कर जवाब लिया जाएगा।
- बहरहाल एटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही और नामों को मंजूरी दी जाएगी।
- SC में मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
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