भारत में बच्चे को गर्भ में गिराने की प्रक्रिया से लोग इन्टरनेट से जुडकर अवगत हो जाते हैं.इसी सन्दर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और याहू को जल्द ऐसी तकनीक जारी करने को कहा जिससे ऐसी व्यवस्था तैयार की जाए जो लिंग जांच सम्बन्धी सामग्री हटाए जाए.
सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार द्वारा की गयी शिकायत
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्च इंजनों को जल्द से जल्द विज्ञापन हटाने को कहा गया था.
- लेकीन कम्पनियां कोई कार्यवाही नहीं करती नजर आ रही हैं.
- जनरल द्वारा कई ऐसी मोबाइल साइट्स खोलकर दिखायीं गयीं.
- जिसपर ऐसा डाटा उपलब्ध था जो लिंग जांच की जानकारी दे रहा था.
- हालांकि गूगल के वकील द्वारा कहा गया है कि
- आपत्तिजनक सामाग्री को पहले से ही हटाया जा चुका है.
- कम्पनी कानून का सम्मान करती है कोर्ट के आदेश का पालन होगा.
कम्पनियों को अतरिक्त एक्सपर्ट पैनल बनाने की हिदायत
- सुप्रीम कोर्ट ने कम्पनियों को अतरिक्त पैनल बनाने की हिदायत दी है.
- जिससे ये कार्य जल्द से जल्द हो सके.
- कोर्ट द्वारा मामले की अगली तारीख 11 अप्रैल रखी गयी है.
- साबू मैथ्यू जॉर्ज ने इस मामले में याचिका दायर की थी.
- अगर इन्टरनेट पर नजर डाली जाए तो हजारों ऐसे विज्ञापन मिल जायेंगें
- जिससे भ्रूण लिंग की जांच आसानी से हो सके.