सुप्रीम कोर्ट धार्मिक संरचनाओं के निर्माण के लिए किसी भी निजी संगठन को नि:शुल्क भूमि आवंटित करने वाली याचिका का अध्य्यन करने के लिए राज़ी हो गया है.चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस चंद्राचुद की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये फैसला लिया है.
तमिलनाडु सरकार ने मस्जिद निर्माण के लिए दी थी 0.27 एकड़
- साल 1986 में उल्लाग्राम गाँव में तमिलनाडु सरकार ने 0.27 एकड़ जमीन आवंटित की थी.
- इसी फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गयी थी.
- अदालत ने कहा की इस मुद्दे को व्यवस्थित करना बेहतर होगा.
- इसी तरह की लंबित याचिकाओं पर सुनवाई होनी चाहिए.
- कोर्ट ने बीस मार्च से पहले ऐसी याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
- फेडरेशन ऑफ़ चेन्नई ने भी इस याचिका की सुनवाई पर मांग की थी.
- जिसमें कहा गया था अगर दो साल में उस ज़मीन पर मस्जिद का निर्माण नहीं हुआ.
- तो ज़मीन वापस ले ली जायेगी.दो अलग अलग याचिकाओं पर कोर्ट जल्द फैसला लेगी.
मद्रास हाई कोर्ट में ज़मीन आवंटन को बताया था संविधान के खिलाफ
- याचिकाकर्ता द्वारा दायर आपील में बिना पैसो के ज़मीन देने को संविधान के खिलाफ बताया था.
- ऐसी अनेक याचिकाएं कोर्ट में दाखिल हैं.
- कोर्ट ने एक मामले में ज़मीन देने पर मुहर लगा दी थी.
- क्योंकि उस इलाके में मुस्लिम लोग रहते थे.
- लोगों को नमाज़ अदा करने दूर जाना पड़ता था.
- लोगों की सुविधा के लिए ज़मीन पर मस्जिद बनाने पर मुहर लगी थी.
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