सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर फैसला सुनाते हुए मामले पर 6 महीने की रोक लगा दी है। कोर्ट में पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन तलाक मामले पर कानून बनाने का आदेश दिया। बता दें कि इस सुनवाई के लिए पांच अलग-अलग धर्मों के न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया गया था। इस पीठ की अध्यक्षता CJI खेहर द्वारा की गई।
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‘सुप्रीम फैसले’ की बड़ी बातें :
- जस्टिस जे. एस. खेहर ने कहा- संसद को तीन तलाक के मामले को देखना चाहिए।
- केंद्र सरकार जब तक कोई कानून नहीं लाएगा, रोक बरकरार रहेगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए।
- अगर तीन तलाक में नहीं बनाया गया कानून तो रोक रहेगी बरकरार।
- चीफ जस्टिस ने कहा ‘राजनीतिक दल अपनी राजनीतिक मतभेदों को अलग रखकर केंद्र सरकार को तीन तलाक पर कानून बनाने में सहयोग करें’।
- जस्टिस खेहर ने कहा कि तलाक-ए-बिद्दत अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन नहीं है।
- यह भी कहा कि तलाक-ए-बिद्दत सुन्नी समुदाय की 1000 वर्ष पुरानी आतंरिक परंपरा है।
- न्यायमूर्ति नरीमन, ललित और कुरियन ने कहा कि ट्रिपल तलाक असंवैधानिक है और इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज, अभी और इसी वक्त से तीन तलाक खत्म।
- जस्टिस कुरियन ने कहा तीन तलाक इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है। इन मामलों में अनुच्छेद 25 का संरक्षण नहीं मिल पाता है।
- न्यायमूर्ति ने तीन तलाक पर फैसला सुनाते हुए कहा 1934 एक्ट का हिस्सा है, जिसे संवैधानिक कसौटी पर कसा जाना चाहिए।
- चीफ जस्टिस ने अनुच्छेद 142 के तहत देशभर में तीन तलाक पर फिलहाल 6 महीने के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी है।
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फैसला रखा था सुरक्षित :
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक के मामले पर 11 से 18 मई तक सुनवाई चली थी।
- जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था।
- इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
- बता दें कि 2016 में शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
- जिसमें उन्होंने तीन तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी।
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