केंद्र सरकार द्वारा बीते एक लंबे समय से देश को नकद रहित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कई प्रयोग किये जा रहे हैं. साथ ही कई तरह की योजनायें भी बनाई जा रही हैं जिसके तहत देश जनता को आधार कार्ड से जोड़ा जा सके, इसी क्रम में सरकार ने केंद्र से मिलने वाली रियायतों का लाभ उठाने के लिए भी आधार को अनिवार्य कर दिया गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर सुनवाई कर ते हुए फैसला सुनाया गया है.
जनहित में दर्ज हुई थी याचिका :
- केंद्र सरकार द्वारा एक लंबे समय से देश को आधार से जोड़ने की मशक्कत जारी है.
- जिसके तहत सरकार द्वारा आधार को केंद्र से मिलने वाली रियायतों से भी जोड़ दिया गया है.
- जिसके बाद सरकार के अनुसार इन रियायतों का लाभ उठाने के लिए हर व्यक्ति पर आधार कार्ड होना अनिवार्य है.
- केंद्र के इस निर्णय पर विवाद उठाते हुए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी.
- इस याचिका के तहत कहा गया था कि सरकार द्वारा दी जाने वाली रियायतों पर आधार अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए.
- जिसके बाद अब कोर्ट द्वारा इस मामले पर सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला दिया गया है.
- इस फैसले में कोर्ट ने कहा है कि आधार को सरकार कीई योजनाओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
- साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि आदेशानुसार सरकार को आधार को वैकल्पिक रखना था तो फिर अनिवार्यता की बात नहीं आती है.
- आपको बता दें कि बीते समय में सरकार द्वारा सभी सरकारी योजनाओं और रियायतों के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया था.
- जिसके बाद अब कोर्ट द्वारा इस मामले में यह निर्णय सुनाया गया है.