सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के अधिकार से जुड़ी एक बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा है कि पति अपनी पत्नी को जबरदस्ती साथ रहने के लिए नहीं कह सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पत्नी ‘चल संपति’ या ‘वस्तु’ नहीं है और साथ रहने की इच्छा होने के बावजूद पति इसके लिए पत्नी पर दवाब नहीं बना सकता है.
पति की क्रूरता पर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान SC ने कहा:
एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर किये गये आपराधिक केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह तर्क दिया. महिला ने अपने आरोप में कहा था कि पति चाहता है कि वह उसके साथ रहे लेकिन वह स्वयं उसके साथ नहीं रहना चाहती है.
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने अदालत में मौजूद व्यक्ति से कहा , ‘‘वह एक चल संपत्ति नहीं है. आप उसे मजबूर नहीं कर सकते. वह आपके साथ नहीं रहना चाहती हैं. आप कैसे कह सकते हैं कि आप उसके साथ रहेंगे.’’
पीठ ने महिला के वकील के जरिए पति के साथ नहीं रहने की इच्छा वाले बयान के दृष्टिगत व्यक्ति से पत्नी के साथ रहने के निर्णय पर ‘पुनर्विचार’ करने को कहा. अदालत ने व्यक्ति से कहा , ‘‘आपके लिए इस पर पुनर्विचार बेहतर होगा.’’
बहरहाल इस मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी.