रेल मंत्री सुरेश प्रभु की पहल पर रेलवे मंत्रालय द्वारा शुरू की गई सोशल मीडिया की मुहिम लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो रही है। ट्विटर के जरिए रेल यात्रियों की मदद की खबरे आजकल सुर्खियां बन रही हैं। यात्रियों को किसी भी तरह की मदद की जरूरत हो, उसके लिए रेलवे के ट्विटर हैंडल @RailMinIndia पर एक ट्वीट करने की देर है, ट्विट मिलते ही इस से जुड़े अधिकारी हर शिकायत को गंभीरता से लेते हुए, उस समय तक उस शिकायत पर नज़र रखते हैं, जब तक शिकायतकर्ता तक मदद न पहुँच जाए।
हाल में मार्च की एक घटना यह बताने के लिए काफी है कि कुछ समय पहले तक यात्री सुविधाओं की खामियों के लिए जाने जानी वाली रेलवे को सुरेश प्रभु ने किस कदर हाईटेक कर दिया है। एक साधारण यात्री आशुतोष मिश्रा जो कानपुर स्टेशन पर ट्रेन नम्बर 12594 में अपनी मेडिकल रिपोर्टस भूल जाते हैं। जिसके बाद वह ट्विटर के जरिये रेल मंत्री से मदद की गुहार लगाते है और मंत्रालय उनकी मदद में तत्परता दिखाता है।
ट्विट मिलते ही रेलवे का ट्विटर हैंडल आशुतोष से उनका पीएनआर और मोबाइल नम्बर की जानकारी लेता है। इसके बाद पूरा रेलवे महकमा सक्रिय हो उठता है और महज कुछ ही घण्टों में लखनऊ स्टेशन पर उनकी मेडिकल रिपोर्टस खोज ली जाती है। आशुतोष सुरेश प्रभु की इस पहल से अभिभूत हैं, और रेलवे अधिकारियों की शान में कसीदे पढ़ते नहीं थक रहें है।