भारत में जन्मीं नीलाक्षी को 3 साल की उम्र में एक स्वीडन दंपती ने गोद लिया था। इसके बाद नीलाक्षी स्वीडन चलीं गई। 41 साल बाद नीलाक्षी भारत आकर अपनी मां से मिली। वह पल नीलाक्षी और उनकी मां के लिए बेहद भावुक था।

बीमार मां से मिलने स्वीडन से आई बेटी-

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  • 44 वर्षीय नीलाक्षी अपनी जैविक मां की खोज करने भारत आई।
  • उनकी इस खोज में ‘अगेंस्ट चाइल्ड ट्रैफिक’ नाम के एक एनजीओ की अंजली पवार ने नीलाक्षी की सहायता की।
  • अंजली पवार ने बताया कि सरकारी हॉस्पिटल में मां-बेटी का भावुक मिलन हुआ।
  • आगे उन्होंने बताया कि नीलाक्षी अपने जैविक मां-पिता की खोज में भारत आई थी।
  • इससे पहले भी एक बार वो अपनी मां से छोटी-सी मुलाकात की थी।
  • अपने जैविक मां-पिता की खोज में नीलाक्षी ने अब तक करीब छह बार भारत का दौरा किया है।

दोनों मां-बेटी हैं थैलेसीमिया से पीड़ित-

  • अंजली पवार ने बताया कि दोनों मां-बेटी थैलेसीमिया से पीड़ित है
  • मुलाकात के दौरान नीलाक्षी ने अपनी जैविक मां के परिजनों से उनके इलाज में सहयोग देना का वादा किया।

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