स्पेन की हाईस्पीड ‘टेल्गो’ ट्रेन का जल्द ही भारत में निर्माण शुरू हो जाएगा। आने वाले कुछ सालों में टेल्गो ट्रेन पटरियों पर रफ्तार भरती नज़र आने लगेगी। टेल्गो ट्रेन का सफर अभी देश में खत्म नहीं हुआ है, बल्कि इसका यही पर निर्माण होगा। यह बात रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली-मुबंई के बीच टेल्गो ट्रेन का फाइनल ट्रायल सफलतापूर्ण होने के बाद कहीं।
योजना बंद नहीं हुई :
- सुरेश प्रभु ने कहा कि टेल्गो प्रोजेक्ट बंद नहीं हुआ है।
- दिल्ली-मुबंई के बीच टेल्गो का फाइनल ट्रायल सफल रहा।
- टेल्गो ने दिल्ली से मुबंई पहुंचे की दूरी 11.48 घंटे में पूरी की।
- माना जा रहा है टेल्गो के ट्रायल से रेल मंत्रालय और सरकार को संतुष्टि हो चुकी है।
विदेशी कंपनी के सामने रखी शर्त :
- रेलमंत्री ने कहा कि स्पेनी कंपनी से टेल्गो ट्रेन को भारत में ही बनाने की बात की गई है।
- इसके लिए ट्रैक और कोच देश में ही तैयार होगें।
- स्पेन की कंपनी भारत में दो बड़े कारखाने लगाएंगी।
- इसके तहत कंपनी को ट्रेन के 1000 डिब्बे तैयार करने को कहा गया है।
- हालांकि अभी इस कारखाने के लिए जमीन पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
कहां-कहां हुए ट्रायल :
- टेल्गो ट्रेन का अब तक तीन रूटों पर ट्रायल हो चुका है।
- इसमें पहला बरेली-मुरादाबाद सेक्शन, दूसरा मथुरा-पलवल सेक्शन और आखिरी दिल्ली-मुंबई के बीच हुआ।
टेल्गो की खासियत :
- टेल्गो ट्रेन को भारतीय पटरियों पर बिना ज्यादा बदलाव किये 160-200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर दौड़ाया जा सकता है।
- यह ट्रेन काफी हल्की है। इसके कोच राजधानी और शताब्दी की तुलना में सस्ते हैं।
- टेल्गो ट्रेन में बिजली की खपत काफी कम होगी।
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