तमिलनाडु के तुतीकोरिन मे 13 लोगो की मौत के बाद लगातार विवादों में रहने वाले वेदांता के स्टरलाइट कॉपर प्लांट अब बंद होने वाला हैं. इस बात की जानकारी खुद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने दी.
वेदांता के स्टरलाइट प्लांट को सरकार ने किया बंद:
तमिलनाडु के तुतीकोरिन में वेदांता लिमिटेड के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बैन करने की मांग पर बीते हफ्ते भारी बवाल हुआ था. इस दौरान पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की जान चली गई थी. जिसके बाद विरोध प्रदर्शन पूरे हफ्ते विरोध चला.
इसको लेकर सरकार पर भी सवाल उठे और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग भी उठने लगी. बहरहाल लोगों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने स्टरलाइट फैक्ट्री को बंद करने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि प्लांट को बंद करने की कार्रवाई जयललिता के कार्यकाल से चल रही है. मामला कोर्ट में लम्बित है. प्लांट बंद करवाने के लिए सरकार क़ानूनी रास्ता तलाश रही हैं.
जिसके बाद सरकार के आदेश पर प्रशासन ने प्लांट के गेट पर सील लगा दी। राज्य सरकार की ये कार्रवाई 1974 के वाटर एक्ट के तहत की गई है। सरकार का कहना है कि अनुच्छेद 48-ए के तहत उसे ऐसा करने का अधिकार है।
प्लांट बंद होने से रोजगार पर असर:
बता दे कि यह प्लांट भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉपर बनाने वाला प्लांट है। इसकी क्षमता सालाना 400000 टन उत्पादन है। प्लांट को बंद करने का खामियाजा 800 छोटे उद्यमों को भुगतना पड़ेगा. ये उद्यम बिजली क्षेत्र से जुड़े हैं.
इससे करीब 50 हजार नौकरियां जाने का भी खतरा उत्पन्न हो गया है. इस फैक्ट्री में बनने वाला कॉपर देश के तांबा उद्योग में 40 फीसदी का योगदान करता है. देश में कुल 10 लाख टन तांबा का उत्पादन होता है.
इन उद्योगों पर असर:
वेदांता के स्टरलाइट फैक्ट्री को बंद करने से केबल बनाने वाले, वाइंडिंग वायर यूनिट और ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरर के कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.
इसका असर देश के तांबा निर्यात पर भी पड़ेगा. तूतीकोरिन प्लांट से करीब 1.6 लाख टन कॉपर का निर्यात होता है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि देश में तांबे की खपत बढ़ रही है. बीते 5 साल में मौजूदा स्थानीय मांग में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
देश में इस समय तांबा उत्पादन में 3 बड़ी कंपनियां-इंडियन कॉपर इंडस्ट्री, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लगी हुई हैं. हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड केंद्रीय उद्यम है. यहां हर साल 99,500 टन तांबे का उत्पादन होता है. मुताबिक वहीं हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और स्टरलाइट कॉपर में क्रमश: 5 लाख टन व 4 लाख टन तांबे का उत्पादन होता है. देश के कुल तांबा उत्पादन का 40 फीसदी चीन को निर्यात होता है. तूतीकोरिन प्लांट बंद होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 50 हजार नौकरियां प्रभावित होंगी.
प्रदर्शन में हुई थी 13 की मौत:
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 22 मई को स्टरलाइट फैक्ट्री के खिलाफ करीब 20,000 लोग इकट्ठा हो गए थे. भीड़ फैक्ट्री को बंद करने की मांग कर रही थी. लोगों का आरोप था कि प्लांट से इलाके का पानी दूषित हो रहा है. साथ ही हवा में बढ़ते प्रदूषण के कारण नई-नई बीमारियां हो रही हैं. उग्र प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थीं. इसमें अब तक 13 लोगों की जान चली गई थी.