लोकसभा में आज वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) के तरफ से केंद्र सरकार के विरूद्ध अपना अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं। वहीं टीडीपी सांसद ने विपक्षी नेताओं से बातचीत की है। उधर शिवसेना नेता ने कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की अनुमति देती हैं या उसे खारिज कर देती है। अविश्वास प्रस्ताव पर कोई फैसला उद्धव ठाकरे द्वारा लिया जाएगा। इस दौरान वाईएसआर और टीडीपी के सांसद इस्तीफा दे सकतें हैं। बता दें कि विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए बीते शुक्रवार को एक ही दिन लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए 50 सदस्यों का समर्थन जरूरी
वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की केन्द्र सरकार से मांग कह थी। इससे इनकार करने के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था। वहीं भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही टीडीपी ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और ससंद में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया। दोनों पार्टियां अपने-अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं। अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए।
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प्रस्ताव हो जाएगा फेल
केंद्र सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकार कर लिए जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव फेल हो जाएगा। लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ भाजपा के 274 सदस्य हैं। यह बहुमत (270) से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है।
शिवसेना स्थिति पर बनाए हुए है नजर
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि स्थिति पर नजर रखा जा रहा है। देखने वाली बात यह होगी कि स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की अनुमति देती हैं या उसे खारिज कर देती है। टीडीपी का अपने राज्य का मामला है। हम उसका स्वागत करते हैं। हमने अभी तक अविश्वास प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया है। इस मामले में निर्णय उद्धव जी को करना है।