कहते हैं कि शिक्षा पर सभी का अधिकार है। आज दोयम दर्जे की बंधन को तोड़ते हुए महिलाएं शिक्षा की ओर अग्रसर हो रही हैं। ऐसे में तेलंगाना सरकार ने महिलाओं की शिक्षा को लेकर एक ऐसा कदम उठाया है जिसे महिलाओं के लिए एक तरह से नया फरमान जारी किया है।
लिया बड़ा फैसला:
- राज्य सरकार के अनुसार मात्र कुंवारी लड़कियां आवासीय डिग्री कॉलेजों में शिक्षा पाने के लायक हैं।
- सरकार का कहना है कि शादीशुदा महिलाओं के कारण अन्य का पढ़ाई से ध्यान हटता है।
- तर्क दिया कि शादीशुदा महिलाओं के पति हफ्ते में एक या दो बार उनसे मिलने आएंगे।
- ऐसे में अविवाहित छात्राओं का ध्यान न भटके इसलिए ऐसा नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
- तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स सोसाइटी (TSWRIES) ने जारी किया नोटिफिकेशन।
- इसके अनुसार अकादमिक वर्ष 2017-18 में बीए/बीकॉम/बीएससी-फर्स्ट ईयर के लिए कुंवारी लड़कियां आवेदन कर सकती हैं।
शुरु हुआ विरोध:
- सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस नोटिफिकेशन का विरोध कर वापस लेने की मांग की।
- एक संगठन की एक कार्यकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार शादीशुदा महिलाओं को शिक्षा पाने से कैसे रोक सकता है।
- जबकि तेलंगाना में शहर और ग्रामीण दोनों में बाल विवाह इतने बड़े पैमाने पर हो रहे हैं।
- ज्ञात हो कि आवासीय डिग्री कॉलेज बनाने का मकसद यही था
- कि बाल विवाह की प्रथा को तोड़ा जा सके।
- ऐसे में जो लड़कियां शादी के बाद भी पढ़ना चाहती हैं,
- सरकार के इस कदम ने उन्हें मायूस कर दिया है।
आवासीय डिग्री कॉलेज में मुफ्त शिक्षण व्यवस्था:
- बता दें कि तेलंगाना राज्य में 23 महिला आवासीय डिग्री कॉलेज हैं।
- जिसमें 280 विद्यार्थियों की व्यवस्था है।
- यहां विद्यार्थियोें को शिक्षा से लेकर खाना तक सब मुफ्त में दिया जाता है।