सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों की फोटो लगाने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आने वाले दिनों में राज्य सरकारों के विज्ञापनों में मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी नजर आ सकते हैं।
- इससे पहले साल 2015 में आये कोर्ट के फैसले के अनुसार तमाम राज्य सरकारो को सरकारी विज्ञापनों में अपने मुख्यमंत्री की फोटो लगाने की इजाजत नही थी।
- केवल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की फोटो ही सरकारी विज्ञापनों में दिखाई जा सकती थी।
- राज्य सरकारों की तरफ से लगातार यह मांग उठायी जो रही थी कि उन्हें अपने विज्ञापनों में मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाने की छूट दी जाये।
- कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से तीन सदस्यीय लोकपाल बनाने को कहा था।
- इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को ठुकरा दिया था, जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि यह नीतिगत मामला है और इसमें न्यायपालिका को दखल नहीं देना चाहिए।
- काफी तर्क-वितर्क के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने अपने साल 2015 के फैसले को बदलते हुए सरकारी विज्ञापनों पर नेताओं की फोटो छापने की इजाजत राज्य सरकारों को दे दी।
- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया है। आम आदमी पार्टी अब अपने सरकारी विज्ञापनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तस्वीर लगा सकेंगे।
- इससे पहले दिल्ली सरकार के विज्ञापनों में सिर्फ मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की आवाज का ही सहारा लिया जाता था।
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