बचपन में स्कूल में हम सबने यह गीत गाया कि ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा.. । ये गीत आज भी स्कूलों में गाया और पढ़ाया जाता है, लेकिन केंद्रीय संसदीय विभाग की सूचना के मुताबिक हमारे देश का नाम हिंदुस्तान है ही नहीं। बात बेहद हैरान करने वाली है, लेकिन सच है। केंद्रीय संसदीय विभाग ने एक आरटीआई के जवाब में सूचना दी है कि हिंदुस्तान शब्द का दस्तावेजों में कहीं कोई जिक्र नहीं है। दस्तावेजों में हमारे देश के सिर्फ दो नाम दर्ज हैं, जो इंडिया और भारत हैं।
देश के नाम को लेकर यह खुलासा तब हुआ जब सीतापुर रोड, लखनऊ में रहने वाले छात्र अभिषेक सिंह ने ऑनलाइन आरटीआई के जरिए पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) से इसके सम्बन्ध में सूचना मांगी। यह आरटीआई जनवरी 2016 को दाख्रिल की गई। पीएमओ से यह आवेदन यह कहते हुए गृह मंत्रालय ट्रांसफर कर दिया गया कि यह मामला वहां से जुड़ा है। जब आवेदन गृह मंत्रालय पहुंचा, तो उस मंत्रालय ने यह मामला संसदीय विभाग से संबंधित बता कर एप्लीकेशन वहां भेज दी गई। संसदीय विभाग के सहायक मुकुलिता विजयवर्गीय ने चार फरवरी को ईमेल के जरिए सूचना दी कि हमारे देश के नाम इंडिया और भारत है।
- जनवरी 2016 को देश के नाम के सम्बन्ध में केंद्रीय संसदीय विभाग में आरटीआई दाखिल की गई।
- आरटीआई में जानकारी के अनुसार देश का नाम इडिंया और भारत बताया गया।आरटीआई के जरिए जब यह जानकारी मिली तो संसदीय विभाग के सहायक सचिव के यहां अपील दाखिल की गई।
- इस अपील पर संसदीय विभाग ने वहीं जवाब दिया जो सरकारी दस्तावेजों पर है यानि कि देश का नाम भारत और इंडिया है।
- दस्तावेजों में यह भी लिखा पाया गया कि आजादी से पहले और आजादी के बाद देश का नाम कभी भी हिन्दुस्तान नहीं रहा ।