[nextpage title=”आप विधायक ” ]
पंजाब के मलेरकोटला में 1 जुलाई को कुछ अज्ञात लोगों ने कुरान के पन्ने फाड़ कर मुस्लिम समुदाय के इलाके में फेंक दिये थे जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया था। माहौल इतना खराब हो गया कि मुस्लिम समुदाय की भारी भीड़ ने स्थानीय अकाली दल विधायक के घर पर तोड़फोड़ कर दी। पुलिस को हालात को नियंत्रण में करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और गोलियां भी चलानी पड़ी थी। इस पूरे मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
लेकिन इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी का हाथ होने का आरोप लगा है जो अरविंद केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
गिरफ्तार किये गये युवक ने पूरा मामला कुछ यूँ बताया…
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[nextpage title=”आप विधायक नरेश यादव ” ]
इस पूरे प्रकरण में अभी तक गिरफ्तार किए गए विजय नामक शख्स ने जो बयान दिया है उससे आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबतें फिर से बढ़ सकती हैं। विजय ने पुलिस को अपना बयान दर्ज कराया है कि दिल्ली के आप विधायक नरेश यादव ने कुरान के पन्ने फाड़ने के एवज में 1 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। विजय ने पुलिस को बताया कि विधायक ऐसा इसलिए करवाना चाहते थे ताकि आगामी पंजाब चुनावों में आम आदमी पार्टी को इसका फायदा मिले और इस मामले में स्थानीय अकाली दल के खिलाफ माहौल तैयार होगा।
संगरुर के एसएसपी के मुताबिक, इस साजिश को अंजाम देने के लिए 24 जून को विजय अपने साथियों के साथ दिल्ली में नरेश यादव के घर मीटिंग करने के बाद ही पंजाब के मलेरकोटला आया था। विजय के अनुसार, नरेश यादव ने इस काम के बदले विजय को एक करोड़ रुपये देने का वादा किया था.
दिल्ली के महरौली से विधायक नरेश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस के अनुसार नरेश यादव की गिरफ्तारी भी हो सकती है। संगरुर के एसएसपी प्रीतपाल सिंह ठिंड के मुताबिक AAP विधायक नरेश यादव को कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने के बाद जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। जबकि आप विधायक नरेश यादव ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है।
रमजान के पवित्र महीने में कुरान के पन्ने फाड़ने के लिए उकसाने के पीछे साजिश और उसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश करने वाले आम आदमी पार्टी विधायक नरेश यादव ने भले ही इसे साजिश बताया है लेकिन पुलिस दावा कर रही है कि विजय के उनसे सम्बन्ध हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आगामी पंजाब चुनाव में नशे और अकाली दल की कथित दबंगई के खिलाफ चुनाव लड़ने का मुद्दा साम्प्रदायिक रंग लेता हुआ दिखाई दे रहा है।
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