बीते कई दिनों से यह मांग उठ रही थी कि ट्रांसजेंडर को भी भारतीय रेलवे के लिंग परिपत्र में जगह मिलनी चाहिए। इस दिल्ली हाईकोर्ट में फरवरी में एक याचिका भी दाखिल की गयी थी जिसपर हाईकोर्ट ने अपना निर्णय ट्रांसजेंडर के पक्ष में दिया है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलेगे सुविधा :
- अब भारतीय रेलवे ने टिकट आरक्षण और टिकट रद्द कराने वाले परिपत्र में महिला, पुरुष के साथ ट्रांसजेंडर को जोड़ लिया है।
- भारतीय रेलवे की यह सुविधा टिकट आरक्षण और रद्द कराने के साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन भी उपलब्ध होगी।
- इसी साल फरवरी माह में दिल्ली के एक वकील ने हाईकोर्ट में इसी सम्बन्ध में याचिका दी थी।
- कोर्ट ने रेलवे में संविधान के तीसरे भाग और कानून के तहत ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग मानने का आदेश दिया।
- हालांकि IRCTC द्वारा संविधान के 14, 15, 19 और 21 अनुच्छेद का उल्लंघन बताया गया था।
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- जिसके बाद याचिकाकर्ता वकील ने भारतीय रेलवे के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
- सर्वोच्च न्यायलय ने केंद्र और राज्य सरकारों से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने को कहा था।
- साथ ही कोर्ट ने ट्रांसजेंडर के लिए ट्रेनों में विशेष बोगियां एवं आरक्षित सीटें लगाने को कहा गया है।
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