भारत देश विभिन्न धर्मों व संस्कृतियों को अपने अंदर समेटे हुए है परंतु देश में कई धर्म ऐसे हैं जो इनकी महिलाओं को खुल के जीने की अनुमति नहीं देती हैं. इसी क्रम में इस्लामिक धर्म भी है जिसके खुछ नियम व क़ानून ऐसे हैं जो अब इस धर्म की महिलाओं के पाँव में बेड़ियाँ डालने का काम करने लगे हैं. आपको बता दें कि इस धर्म में महिलाओं को तलाक देने के लिए पुरुषों को एक अलग तरह की अनुमति मिली हुई है जिसका नाम तीन तलाक है. इसी के विरोध में अब महिलाओं के स्वर उठने लगे हैं. आपको बता दें कि हाल ही में न्यायालय में द्यार की जाने वाली एक याचिका पर करीब एक मिलियन मुसलमानों ने
अपने हस्ताक्षर कर इस नियम को बदलने की मांग की है.
मुस्लिम लॉ बोर्ड के अंतर्गत आता है यह नियम :
- देश की कई संस्कृतियों में से एक इस्लामिक धर्म की संस्कृति बाकी धर्मों से अलग है.
- आपको बता दें कि समय के साथ कई धर्मों के कई नियमों में बदलाव किये जा चुके हैं.
- परंतु इस्लामिक धर्म एक ऐसा है जिसके कई नियम अभी तक वैसे के वैसे ही बने हुए हैं.
- जिसमे से एक तीन तलाक का मुद्दा भी है, यह नियम मुस्लिम लॉ बोर्ड के अंतर्गत आता है.
- परंतु इस नियम के ज्ञाताओं के अनुसार यह नियम महिलाओं के हित के अंतर्गत बताया जाता है.
- परंतु मुस्लिम राष्ट्रीय मंच(MRM) द्वारा शुरू की गयी एक पहल के तहत एक याचिका पर हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं.
- आपको बता दें कि यश याचिका तीन तलाक को देश से ख़त्म करने के लिए दायर की जानी है.
- इसी क्रम में अब तक इस याचिका पर करीब एक मिलियन मुस्लिम महिलाओं द्वारा हस्ताक्षर कर दिए गये हैं.
- आपको बता दें कि यह अब तक का एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.
- जिसके बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इस नियम को देश से हटा दिया जाएगा.
- साथ ही इस धर्म की महिलाएं खुली हवा में सांस के सकेंगी.