22 अगस्त को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए ट्रिपल तलाक़ को असंवैधानिक करार दे दिया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ मामले पर छः महीने तक बैन भी लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ पर फैसला सुनाते हुए मामले पर 6 महीने की रोक लगा दी थी. कोर्ट में पांच में से तीन जजों ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया था. इसके बाद से ही इसको कानून के रूप में बदलने की चर्चाएँ जोरों पर
कानून बनाये सरकार
- साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी किया था कि, 6 महीने के भीतर केंद्र सरकार इस पर नया कानून बनाये.
- जिसके तहत ट्रिपल तलाक पीड़ितों के लिए सरकार ने एक और राहत का कदम उठाया है.
- केंद्र सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में ट्रिपल तलाक पर कानून को मंजूरी दे दी थी.
ट्रिपल तलाक को गैर जमानती अपराध बनाने वाला विधेयक आज हो सकता है पेश:
- बीजेपी ने इसके पहले अपने सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था.
- बीजेपी ने व्हिप जारी कर लोकसभा सांसदों को इस दिन संसद में मौजूद रहने के निर्देश दिए थे.
- लेकिन इसको कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया था.
- आज लोकसभा में इस बिल को सरकार पेश कर सकती है.
- सरकार ने विपक्ष से अपील की है कि इस बिल का समर्थन कर इसे पारित कराएँ
- यह संभव है कि दूसरे तमाम बिल जो पेंडिंग हो, उसमें कुछ जरूरी बिलों पर केंद्र सरकार 21 दिसंबर को लोकसभा में बहस और वोटिंग कराए.
- जिसके लिए बीजेपी कोई चांस नहीं लेना चाहती है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि देशहित में ये बिल पारित होना चाहिए.
- बीजेपी की संसदीय समिति की बैठक इस बिल को लेकर हुई.
- पीएम मोदी ने अपील की और कहा कि देशहित में इस बिल को पारित होना चाहिए.
- मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिले, इसके लिए इस बिल का पारित होना जरुरी है.