संसद के मौजूदा सत्र में ‘कर’ क़ानून में संशोधन करने की तैयारी कर रही है मोदी सरकार । ‘कर’ कानून में संशोधन होने के बाद जिन लोगों ने नोट बंदी के दौरान 30 दिसंबर तक बैंकों में बेहिसाब पैसा जमा किया है उस पर सरकार न्यूनतम 50 प्रतिशत टैक्स लगा सकती है सरकार। यही नही ‘कर’ देने के बाद भी ये लोग शेष राशि के आधे हिस्से को चार साल तक नही निकाल पाएंगे ।यानी पैसा इनके खातों में जमा तो रहेगा लेकिन ये लोग उसका इस्तेमाल नही कर पायेंगे। नए नियमों के हिसाब से अगर कर दाता स्वेच्छा इस अपनी बेहिसाब संपत्ति के बारे में नही बताता तो कर की उच्च लागू की जायेगी जो की प्राप्त राशि का 90 प्रतिशत होगी ।
मंत्रिमंडल ने आयकर कानून में संशोधन की दी मंजूरी
- केंद्र सरकार संसद के इस सत्र में ‘कर’ क़ानून में संशोधन करने की तैयारी कर रही है ।
- जिसके अंतर्गत नोट बंदी के दौरान जमा किये हुए बेहिसाब पैसे पर न्यूनतम 50 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा।
- यही नहीं अगर कर डाटा खुद संपत्ति के बारे में नही बताता तो ये कर 90 प्रतिशत तक वसूला जायेगा।
- मंत्रिमंडल ने कल रात आयकर कानून में संशोधन की जो मंजूरी दी है।
- बता दें कि जनधन खातों में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए ।
- जिनमे सब से ज्यादा पैसा उत्तर प्रदेश से आया है।
- इन खातों को काले धन के सफेद करने में उपयोग को लेकर आशंका बढती जा रही है।
- बता दें कि नोट बंदी के दौरान दी गई समय सीमा के बीच 2.5 लाख रुपये से अधिक बेहिसाब जमा करने पर
- ‘कर’ और उस पर 200 प्रतिशत जुर्माना लगाने की बात की गई थी।
- लेकिन इसके पीछे कोई कानूनी आधार नहीं है।
- इस खामी को दूर करने के लिये मंत्रिमंडल ने कल आयकर कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी।
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