वन नाइट स्टैंड हिंदू लॉ के तहत शादी के दायरे में नहीं आता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरेज एक्ट सेक्शन 16 में इस प्रकार के संबंधों को शादी की मान्यता नहीं दी गई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला-
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कहा कि हिंदू लॉ के तहत शादी वन नाइट स्टैंड के दायरे में नहीं आता है।
- कोर्ट ने कहा कि किसी महिला और पुरुष के बीच शारीरिक संबंध हिंदू लॉ के अंतर्गत शादी के दायरे में नहीं आता है।
- कोर्ट ने कहा कि वन नाइट स्टैंड के दौरान पैदा हुए बच्चे का पिता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा।
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने हिंदू मैरिज एक्ट सेक्शन 16 का हवाला दिया।
- जस्टिस मृदुला भटकर ने कहा कि ऐसे रिलेशन जो खुद के चुनाव, दुर्घटनावश और इत्तेफाक से बना हो वो शादी नहीं मानी जा सकती।
- उन्होंने कहा कि हिंदु एक्ट ऐसे संबंधों को मान्यता नहीं देता है।
- आगे कोर्ट ने कहा कि समाज बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
- जस्टिस ने कहा कि कुछ देशों में समलैंगिकों के संबंधों को शादी की मान्यता दी गई है।
- आगे उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशन और ऐसे संबंधों से बच्चों के जन्म ने कठिन मुश्किले खड़ी कर दी है।
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