नई दिल्ली : उत्तराखंड मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की मंजूरी दे दी है। फ्लोर टेस्ट सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे सरकार के फ्लोर टेस्ट पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन तय प्रकिया के तहत ही फ्लोर टेस्ट होगा। उधर हरीश रावत ने भी कहा है कि कांग्रेस और उनके विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं।
बागी विधायकों की याचिका खारिज
इसके साथ ही कोर्ट ने बागी विधायकों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बंद लिफाफे के जरिए वोट करने की अनुमति मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में साफ तौर पर कहा कि सभी 9 बागी विधायकों को इस परीक्षण की पूरी प्रक्रिया से अलग रखा जाए। विधायकों की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप सभी को स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किया गया है।
विधायक हाथ उठाकर अपने पक्ष में वोट देंगे। फ्लोर टेस्ट का वीडियो बनाया जायेगा और इसे सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जायेगा।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 10 मई को फ्लोर टेस्ट होगा, जिसमें 9 बागी विधायकों को इसके लिए मंजूरी नहीं दी जाएगी।